आती है जब भी याद उन वीर शहिदों की,
लगने लगता है सबकुछ खिला -खिला,
हो जाता हूँ मैं मदमस्त मगन,जैसे देती है मदिरा पिला -पिला,
नहीं रहता है कोई शिकवा उनसे ,नहीं रहता है कोई गिला- गिला।
लगने लगता है सबकुछ खिला -खिला,
हो जाता हूँ मैं मदमस्त मगन,जैसे देती है मदिरा पिला -पिला,
नहीं रहता है कोई शिकवा उनसे ,नहीं रहता है कोई गिला- गिला।
गर याद करें हम उनकी कुर्बानी को,जो देती है सबको रुला -रुला ,
न पाया उन्होंने चैन कभी, आराम भी न उनको मिला- मिला।
ये देशभक्ति थी उन वीरों की , इस देश के लाल सपूतों की ,
जो अंदर उनके चिंगारी ने , दुश्मन को दिया था जला- जला ।
जो अंदर उनके चिंगारी ने , दुश्मन को दिया था जला- जला ।
ये चिंगारी थी जो भड़की थी , उन अंग्रेजो के अत्याचारों से ,
जो निकली थी ज्वाला बनकर देने उनको पिघला- पिघला ।
जो निकली थी ज्वाला बनकर देने उनको पिघला- पिघला ।
एक तूफानी सी चाहत थी बस आजादी को पाने की ,
उस आजादी की ख्वाहिश में हर दीपक था उजला- उजला ।
उस आजादी की ख्वाहिश में हर दीपक था उजला- उजला ।
हाँ थे वो सच्चे देशप्रेमि , था स्वतंत्रता जिनका सपना ,
उन वीरों के बलिदानों पर नतमस्तक होने मैं चला- चला ।
उन वीरों के बलिदानों पर नतमस्तक होने मैं चला- चला ।
अब देखो जरा इस देश की हालत , क्या होनी थी क्या हो गयी है,
जो था सपना उन वीरों का, हो गया है सब धुंधला- धुंधला ।
जो था सपना उन वीरों का, हो गया है सब धुंधला- धुंधला ।
यहाँ आज भी लोग अशिक्षित हैं, परेशान हैं वो भृष्टाचारों से ,
मानवता का कोई नाम नही, डरते हैं इंशान - इंशIनों से।
यहाँ आज भी कई भूखे बच्चे रोते हैं खाना खाने को,
माँ ये कहकर देती बहला, बेटा अभी सूरज नही है ढला- ढला।
यहाँ आज भी औरत अशुरक्षित है, असहाय भी है अशिक्षित भी ,
बचती है कई वो नजरों से ,कई वारों से अत्याचारों से।
बचती है कई वो नजरों से ,कई वारों से अत्याचारों से।
आज दिन तो है त्योहारों का, पर आँख ये कियों भर आई है ,
शायद लहराते झंडे ने उन वीरों की याद दिलाई है ।
शायद लहराते झंडे ने उन वीरों की याद दिलाई है ।
मैं कहता हूँ आजाद हो तुम ,आजाद हो तुम ,आजाद हो तुम ,
इस आजादी के पीछे छिपे हुए, बलिदानों को भूल न जाना तुम ।
इस आजादी के पीछे छिपे हुए, बलिदानों को भूल न जाना तुम ।
उठो हुआ है सुर्योदय, कुछ नाम हो ऐसा काम करो ,
ये जीत मिली है मुश्किल से, अभिमान नही सम्मान करो |
ये जीत मिली है मुश्किल से, अभिमान नही सम्मान करो |
जय हिन्द , जय भारत
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
-(संदीप कुमार लोधी)
धन्यवाद ।
धन्यवाद ।
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