Sunday 6 December 2015

हे मेघ तेवर ये अपने कुछ कम कर










हे मेघ तेवर ये अपने कुछ कम कर ,
खुद पर न सही इन मासूमों पर थोड़ा रहम कर,
नही कर सकता सहन कोई तेरी इस बेरहमी को,
इन बेसहारों पर अब यूँ न तू इतने जुल्म कर,


हे  मेघ तेवर ये अपने कुछ कम कर ,
खुद पर न सही इन मासूमों पर थोड़ा रहम कर,


सब कहते है इस धरती पर की "जल ही तो जीवन है",
इस जीवन रूपी अमृत का तूं ऐसे न अपमान  कर, 
हो गए कितने बेघर यहाँ, तेरी इस लापरवाही से,
यूँ तोड़ के तू सीमा अपनी, हम सबको न ऐसे बर्बाद कर,



हे मेघ तेवर ये अपने कुछ कम कर ,
खुद पर न सही इन मासूमों पर थोड़ा रहम कर,


ये कैसी तेरी काया है, मुझे बिल्कुल भी समझ नही आया है,
जहां धरती इतनी प्यासी है, बादल बिन छायी उदासी है,
क्यों वहाँ तेरा कोई नाम नही, जहाँ पूजा तेरी की जाती है,
विनती है मेरी सुनले तू अगर, इस क्रोध पे थोड़ा काबू कर,
सबके गुनाहों को क्षमा करके, हम नादानों की रक्षा कर,



हे मेघ तेवर ये अपने कुछ कम कर ,
खुद पर न सही इन मासूमों पर थोड़ा रहम कर ,


एक दिलासा है उन दुखियों को जो है पीड़ित इन अन्होंनियों से,
सुख-दुःख तो संग है जीवन का, न खोना उम्मीद इस हलचल से,
हम है साथ तुम चिंता न करो, न जायेंगे यूँ मुह मोड़कर,
सब देंगे तुम्हारा साथ यहाँ, कैसे भी हो थोड़ा कर-कर,



हे मेघ तेवर ये अपने कुछ कम कर ,
खुद पर न सही इन मासूमों पर थोड़ा रहम कर,


एक दिल से मेरा निवेदन है , हर बंधु और हर भाई से,
हम तो है सुरक्षित ये सोचकर, कहना न कभी ऐसा भूलकर,
जितना हो सके मदद करना, न जाना इन सबको छोड़कर,
कुछ नही अगर है पास तेरे, तू कुछ न कर तो दुआ ही कर,


हे मेघ तेवर ये अपने कुछ कम कर ,
खुद पर न सही इन मासूमों पर थोड़ा रहम कर,
         
                                                 -(संदीप कुमार लोधी)


धन्यवाद ।